आज से लगभग एक साल पहले नरेन्द्र मोदी की सरकार ने एक बहुत ही साहसभरा फैसला लिया था। जम्मू कश्मीर से संविधान के अनुच्छेमुर्मू ने संवारा है कश्मीर आज से लगभग एक साल पहले नरेन्द्र मोदी की सरकार ने एक बहुत ही साहसभरा फैसला लिया था। जम्मू कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर दिया गया था। यह भी एक संयोग देखिए कि उसी तारीख को शुभ कार्यों के लिए अभिजित मुहूर्त निकल आया। इसी मुहूर्त में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने अवतरित होकर रावण और अन्य राक्षसों का विनाश किया था। अब उसी तारीख को अयोध्या में रामलला का भव्य मन्दिर बनाने के लिए भूमि पूजन होने जा रहा है। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निष्प्रभावी होने के बाद आतंकवादी घटनाओं पर उसका प्रभाव भी दिखने लगा है। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल और केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री ने आंकड़ों में यह बात बताई है। केंद्र सरकार ने बताया कि जम्मू कश्मीर में आतंकवादी हमलों में 86 फीसद की कमी आई है। बीते एक दशक में यह संख्या 23,290 से घटकर 3187 तक पहुंच गई है। सरकार ने यह आंकड़ा अप्रैल 2009 से जून 2019 तक का दिया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने राज्यसभा में यह जानकारी दी थी। एक सवाल के लिखित जवाब में उन्होंने बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस साल की पहली छमाही में जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति में सुधार देखा गया है। केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति बनाई है। नतीजतन आतंकियों को निष्क्रिय करने के मामले में भी 22 फीसद का इजाफा हुआ है। इससे पहले लोकसभा में केंद्र सरकार ने बताया कि जम्मू कश्मीर में आतंकवादी हमलों में 86 फीसद की कमी आई है। बीते एक दशक (अप्रैल 2009 से जून 2019 तक) में यह संख्या 23,290 से घटकर 3187 पहुंच गई है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी द्वारा पूछे गए सवाल पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी बताया कि पिछले एक दशक में देश में हुए आतंकी हमलों में इससे पहले वाले दशक के मुकाबले 70 फीसद की कमी आई है। इसी प्रकार की खुशखबरी उपराज्यपाल गिरीश चन्द्र मुर्मू ने भी दी है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद श्री मुर्मू पहले उपराज्यपाल हैं । मुर्मू गुजरात कैडर के 1985 बैच के अधिकारी मुर्मू इस वर्ष नवंबर में सेवानिवृत्त होने वाले थे।21 नवंबर 1959 को जन्मे गिरीश चन्द्र मुर्मू मूल रूप से ओडिशा के हैं। उन्होंने राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। उन्होंने यूनाइटेड किंगडम की बर्मिंघम यूनीवर्सिटी से एमबीए की डिग्री ली है। उपराज्यपाल मुर्मू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात में मुख्यमंत्री रहने के दौरान उनके प्रमुख सचिव रहे थे। श्री मुर्मू को केंद्र सरकार में भरोसेमंद नौकरशाहों में से एक माना जाता है।
जम्मू कश्मीर में 5 अगस्त 2019 को ऐतिहासिक बदलाव किया गया। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्य से अनुच्छेद 370 को हटाने और राज्य को दो हिस्सों में बांटकर दोनों को केंद्रशासित प्रदेश बना दिया। जम्मू कश्मीर को दिल्ली की तरह विधानसभा वाला प्रदेश बना दिया गया जबकि लद्दाख को गैर विधानसभा वाला केन्द्र शासित प्रदेश बनाया गया है। संसद के दोनों सदनों से यह प्रस्ताव पारित होने के बाद कानून बन गया। आगामी 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बने हुए एक साल पूरा हो जाएगा। राज्य के पहले उपराज्यपाल गिरीश चन्द्र मुर्मू ने इस अवधि के बारे में बताया कि राज्य ने विकास की रफ्तार पकड़ी है। उपराज्यपाल ने यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद आतंकवाद में भी कमी आयी है। उन्होंने एक महत्वपूर्ण बात यह बतायी कि राज्य को 2015 में केंद्र सरकार की तरफ से जो विशेष आर्थिक पैकेज (पीएम पैकेज) मिला था, उसका सिर्फ 17 फीसदी हिस्सा ही 2019 तक खर्च किया गया। हालांकि इस बीच पीडीपी के साथ भाजपा भी सरकार में शामिल रही है। पहले मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री रहे। उनके निधन के बाद उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती सीएम बनीं। महबूबा के कार्यकाल में भाजपा के सथ संबंध ज्यादा तल्ख हो गये थे। भाजपा ने समर्थन वापस लिया और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करना पडा।
गिरीश चन्द्र मुर्मू कहते हैं कि जम्मू कश्मीर में प्रधानमंत्री विशेष पैकेज का 50 फीसदी हिस्सा पिछले एक साल में खर्च हुआ है। उन्होंने बताया कि अब जम्मू कश्मीर में कुछ बड़े प्रोजेक्ट भी शुरू किये गये हैं। आने वाले समय में इससे हुए बदलाव भी नजर आने लगेंगे । उपराज्यपाल के अनुसार पिछले साल 5 अगस्त को लगभग चार हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें कई राजनेता भी शामिल थे। अधिकतर लोगों को रिहा किया जा चुका है और जो अभी हिरासत में हैं, उनको रिहा करने की प्रक्रिया चल रही है। कोरोना के चलते स्कूल कालेज बंद करने पड़े हैं वरना वहां भी स्थिति सामान्य हो चुकी थी। उपराज्यपाल मुर्मू का मानना है कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद इसे केन्द्र शासित प्रदेश बनाए जाने के कारण यहां डेवलपमेंट ने रफ्तार पकड़ी है। उन्होंने आतंकवादी वारदातों में भी कमी होने का दावा किया है। वे कहते हैं कि स्थानीय स्तर पर आतंकवादियों की भर्ती में पिछले एक साल के दौरान काफी गिरावट आई है। इसका मतलब है कि जम्मू कश्मीर की जनता भी प्रदेश में विकास चाहती है। उपराज्यपाल ने प्रदेश में युवाओं को रोजगार देने के लिए किये जा रहे प्रयासों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि 30 हजार शिक्षकों को स्थायी कर दिया गया हैं । इसके अलावा 10 हजार शिक्षक भर्ती करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के प्रथम उपराज्यपाल कहते हैं कि राज्य में हाईस्पीड इंटरनेट पर पाबंदी कानून व्यवस्था के चलते लगानी पड़ी थी। सुप्रीमकोर्ट की निगरानी में इसकी समीक्षा की जा रही है। उन्होंने बताया कि जहां जहां जरूरत है, वहां हाई स्पीड ब्राडबैंड सेवा उपलब्ध करायी जा रही है। उपराज्यपाल मुर्मू कहते है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुझे जम्मू कश्मीर में विकास की गति तेज करने और जमीनी स्तर पर लोगों को अधिकार दिलाने के लिए भेजा था, मैने अपना वही दायित्व निभाया है। वे कहते हैं कि जम्मू कश्मीर के इतिहास में पहली बार ब्लाक डेवलपमेंट कमेटी के चुनाव हुए हैं। निश्चित रूप से वहां के लोकतंत्र के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। उपराज्यपाल कहते हैं कि जमीनी स्तर पर लोगों की भागीदारी बढायी गयी है। विकास गांव तक पहुंचे, इसके लिए ही बैक टु विलेज कार्यक्रम बनाया गया। इसके तहत जम्मू कश्मीर के दूर दराज के इलाकों में 20 हजार छोटे बड़े कार्यों की सिफारिश की गयी है। इनमें से लगभग 7000 कार्यक्रम पूरे हो गये हैं।
कोरोना वायरस ने समूचे विश्व में विकास को बाधित किया है। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल गिरीश चन्द्र मुर्मू ने यह स्वीकार किया कि कोरोना वायरस की महामारी के कारण यहाँ के विकास कार्यों पर भी असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि बाधाएं आयी हैं लेकिन आने वाले दिनों में जम्मू कश्मीर के विकास की रफ्तार और तेजी से बढेगी। -अशोक त्रिपाठी/हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा
मुर्मू ने संवारा है कश्मीर